Sunday 3 June 2018

चंद पल का राही हूँ कुछ पल में गुजर जाऊंगा । सजाकर नग़मे तेरे ख़यालों में मैं ठहर जाऊंगा ।।

चंद पल का राही हूँ कुछ पल में गुजर जाऊंगा ।
सजाकर नग़मे तेरे ख़यालों में मैं ठहर जाऊंगा ।।

मैं तेरी निशानियाँ अपने  नग्मों में छोड़ जाऊंगा ।
मैं तेरा दिल अपनी तरफ मोड़ जाऊंगा ।।

हर शब्दों में होगा दिदार तेरा कुछ ऐसा लिख जाऊंगा ।
मैं तेरे प्यार में सनम हद से गुज़र जाऊंगा ।।

निकला हूँ तेरे दिल से न जाने अब किधर जाऊंगा ।
लगता हैं जैसे सनम मैं तड़प तड़प कर मर जाऊंगा ।।

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