Thursday 28 November 2019

आकार यादों में




आकर यादों में ,  यूँ सताया न करों ।
ऐसे दिल का हाल ,  बताया न करों ।।

नहीं रहता होश फिर बाकी मुझमे ।
लगाकर चाँद माथे पर आया न करों ।।

दिल पर रहता नहीं काबू  मेरा ।
यूँ कमर अपनी लचकाया ना करों ।।

करवटों में ही गुजर जाती हैं रात ।
यूँ सज धज कर दिखाया ना करों ।।

ढूंढता हूँ तुझे न जाने कहाँ कहाँ ।
अपनी खुशबू हमे सुंघाया ना करों

मैं तो क्या लूट जाते हैं  ये दुनियाँ वाले भी ।
यूँ अपनी चमक , बिखराया ना करों ।।

#ॐTiwari

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