Tuesday 7 December 2021

ए रात तेरी आग़ोश में छुपकर , कितने रोने लगे हैं ! ग़म के नशे में डूबकर, तुझमें खोने लगे हैं !!

  रात तेरी आग़ोश में छुपकर , कितने रोने लगे हैं !

ग़म के नशे में डूबकर तुझमें खोने लगे हैं !! 


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