Friday 1 January 2016

दिल में आ गई हों अब ख़्वाबों में भी आ जाओं

दिल में आ गई हों अब ख़्वाबों में भी आ जाओं ,
मेरे बिखरें ख़्वाबों को फिर आ कर सज़ा जाओं !

जब दिल से दिल मिल हीं गए तो ,
फिर मेरे जीवन को आ कर सज़ा जाओं !

माना दूर हो तुम दूर हैं हम फिर भी कितने पास हैं हम ,
हैं उलझन बड़ी आकर फिर मेरी उलझन सुलझा जाओं !

आओ मेरे टूटे अरमानो को फिर सँवार दो ,
हैं अँधियारा बड़ा बन के रौशनी तुम आ जाओं !

छूटा हाँथ मेरा तो फिर से उसे तुम थाम लो ,
इस भूले राही को आकर फिर राह दिखा जाओं !

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