गोविंद या गोपाल बोलो ,
राधेश्याम या दीनानाथ बोलो !
हर रूप में मिल जाएँगे ,
जय जय सीता राम बोलो !
गिरिधर या जगदीश बोलो ,
जगन्नाथ या नरसिंह बोलो !
मिल जाएँगे हर रूप में ,
जय विष्णु भगवान बोलो !
कृष्ण या केशव बोलो ,
मदन या माधव बोलो !
हैं रूप और नाम अनेक ,
जय जय नारायण बोलो !
गिरिधर या द्वारकाधिश बोलो ,
मुरली या मुरलीधर बोलो !
दिल को मिलती हैं संतुष्टि ,
जय जय घन श्याम बोलो !
विश्वकर्मा या सुदर्शन बोलो
श्यामसुंदर या वासुदेव बोलो !
हर रूप हैं मोहनी इनकी ,
जय जय वैकुंठनाथ बोलो !
दिनबंधु या ह्रिषिकेश बोलो ,
नंद लाल या नंद गोपाल बोलो !
हैं सारे जहाँ में वाश इनका ,
जय जय यशोदा नंदन बोलो !
No comments:
Post a Comment