Tuesday 1 September 2015

हँसी तेरे गालो की बिन बोले सब बोल गई

हँसी तेरे गालो की ,

बिन बोले सब बोल गई !

राज छुपा था जो दिल में ,

सब राज खोल गई !

जो मन में बात थी ,

वो मुस्कान बोल गई !

दिल के अरमानों को ,

चुपके से बोल गई !

वो पल तेरे साथ का ,

मुझे दिवाना बना गई !

न जाने ये बंधन कैसा ,

दिल में तू समाती गई !

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