Monday 28 September 2015

सुनी हैं महफ़िल सारी सुना ये कारवाँ हैं

सुनी हैं महफ़िल सारी ,

सुना ये कारवाँ हैं !

पिने को अब बस ,

अँसुवो का शराब हैं !

गिरती हैं जब आँखों से ,

होती तभी बरसात हैं !

रात के इस उजालों में ,

यही शबनम यही शराब हैं !

सम्भाले रखना दोस्तों ,

यही मेरी पहेचान हैं !

मंजिल हैं आपका दिल ,

और पलको पे आशियाना हैं !

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