Sunday 4 October 2015

तेरी हर अदा पर मैं आज एक गजल लिख दूँ

तेरी हर अदा पर मैं आज एक गजल लिख दूँ ,
तू बन जाए गीत मेरा आ तेरे नाम एक संगीत लिख दूँ !

तेरी मुस्कुराहट को देखे सब जमाना ,
आ मैं उन मुस्कुराहट में छुपे तेरे अँसुवो पर कुछ लिख दूँ !

तेरे हुस्न पे सब मरते हैं तुझपर कोई न मरता ,
आ मैं तेरी उन बेबसी पर लिख दूँ !

तुम हो एक नाज़ुक फूल कली की ,
आ तेरे नाम मैं अपनी ज़िंदगानी लिख दूँ !

मिले कहा कब ये फुर्सत के लम्हें ,
आ तेरे नाम एक सुकुन भरी जिंदगी मैं लिख दूँ !

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