Wednesday 21 October 2015

इस पावन पर्व की बेला में

इस पावन पर्व की बेला में ,
हम शीश झुकाते हैं !
रखना सभी की सलामत ,
मैया हम यहीं फ़रियाद फ़रमाते हैं !

रखना सबका आबाद जहाँ ,
यहीं दिन रात हम दुआ करते हैं !
दिन रात हम तो बस ,
मैया तेरा ही गुणगान करते हैं !

हर पहेर मैया आप ही का जाप करते हैं ,
आप ही के दर पर हम तो बसर करते हैं !
नहीं हमें अब ख़ुद की ख़बर हैं ,
हर पल तेरे ही रूप का दीदार करते हैं !

हर पल निंदो में भी आप ही का ख़्वाब हैं ,
इस दुनियाँ के भीड़ में आप ही का साथ हैं !
हर राहों के काँटों को तूने फूल बनाया ,
बस मैया मेरे सर यूँही सदा तेरा हाथ रहे !

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