Sunday 4 October 2015

अदाएं तो इस दुनिया में लाखों हैं पर , जो अदा तुझमें हैं वो और किसी में नहीं !

अदाएं तो इस दुनिया में लाखों हैं पर ,
जो अदा तुझमें हैं वो और किसी में नहीं !

जीता हूँ तेरी मुस्कान देखकर ,
तेरी ये मुस्कान किसी और में नहीं !

जो देख ले एक बार नज़र भर के तुझे ,
फिर उसे किसी और को देखने की ज़रूरत नहीं !

कोयल सी आवाज़ हैं हिरणी सी चाल तेरी ,
जो तुझमें बात हैं वो किसी और में बात नहीं !

मुझसे तुम तुमसे मैं अन्नजान सही ,
पर मेरी क़लम से तू अन्नजान तो नहीं !

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