Wednesday 7 October 2015

एक दिल हूँ गायक का , मुझे भी एक सूर चाहिए !

एक दिल हूँ गायक का ,
मुझे भी एक सूर चाहिए !
हर दिल जो गा सके ,
बस वही नग़मा चाहिए !

इस सुरीली तान का ,
मुझे भी हसीन शाम चाहिए !
हर एक लब जो गुन गुना सके ,
मुझे वो संगीत चाहिए !

एक सफर हूँ गजल का ,
मुझे भी अंजाम चाहिए !
एक कविता हूँ प्यार का ,
मुझे भी कोई पढ़ने वाला चाहिए !

हर शायर को एक दाद चाहिए ,
हर ग़ज़ल को एक नजर !
हम भी नग़मा लेकर आए हैं ,
हमे भी सुर ताल चाहिए !

न दर्द चाहिए न ख़ुशी चाहिए ,
न गम चाहिए न प्यार चाहिए !
एक शायर हूँ मैं तो ,
मुझे भी एक कलम चाहिए !

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