Friday 11 September 2015

सितम ये प्यार का तुम भी आज़माकर देख लो

किसी का दिल तुम भी चुराकर देख लो ,
अपने चंद आँसुओं को तुम भी लुटाकर देख लो !

है कितना मज़ा ये दर्द तुम भी पालकर देख लो ,
इश्क़ का जाम ये थोड़ा तुम भी चढ़ाकर देख लो !

ख़्वाब का एक महेल तुम भी बनाकर देख लो ,
तारो कि बारात ये तुम भी सजाकर देख लो !

दो बोल प्यार के तुम भी बोलकर देख लो ,
प्यार की छांव में तुम भी सोकर देख लो !

किसी के प्यार में तुम भी तड़पकर देख लो ,
किसी के आँसुओं में तुम भी बहेकर देख लो !

प्यार का एक दिप तुम भी जलाकर देख लो ,
किसी के आँसुओं को तुम भी चुराकर देख लो !

प्यार का तीर ये तुम भी चलाकर देख लो ,
सितम ये प्यार का तुम भी आज़माकर देख लो !

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