Friday 11 September 2015

उनकी बेवफ़ाई पर हम यूँ मुस्कुराए

उनकी बेवफ़ाई पर हम यूँ मुस्कुराए ,

बिन बादल के घटा घिर आए !

फिर ऐसे बीती रात के ,

बिन मौसम आँखों से बरसात आए !

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