Wednesday 2 September 2015

चलो शिवः पूजा को श्रावण आया मेरे भोले शंकर का श्रावण आया

चलो शिवः पूजा को श्रावण आया ,
मेरे भोले शंकर का श्रावण आया !

सागर मंथन में विष पान किया ,
सृष्टि के रक्षा में विष पान किया ,
उस विष ने भोले को मूर्छित किया ,
मूर्छित से जगाने तब देवता आये ,

उठो मेरे भोले नाथ श्रावण आया ,
जागो मेरे भोले नाथ श्रावण आया ,

चलो शिवः पूजा को.... !

मेरे शिव को पीपल के निचे लिटाया ,
पीपल के छाए में ठंडी हवा दिलवाया ,
इसलिए श्रावण में पीपल को पूजा ,
चलो हम भी लगाकर पीपल शिव को मनाए ,

चलो पीपल पूजे श्रावण आया ,
मेरे शिव शंकर का श्रावण आया ,

चलो शिवः पूजा को.... !

मिलकर सब देवताओं ने जल से नहलाया ,
नहलाकर मेरे भोले को मूर्छित से जगाया ,
इसलिए सावन में कांवड़ पुण्यदायक माना ,
चले हम भी लेकर कांवड़ शिवः को मनाए ,

चलो लेकर कांवड़ श्रावण आया ,
भोले को जल चढ़ाओ श्रावण आया ,

चलो शिवः पूजा को.... !

श्रावण में पर्वती ने शिव को मनया ,
तभी श्रावण में पार्वती को भी पूजा ,
इसलिए श्रावण में सुहागिनों का व्रत आया ,
चलो हम भी आज माँ को पूजे ,

मेरी मइया का श्रावण आया ,
चलो हम भी पूजे माँ को श्रावण आया ,

चलो शिवः पूजा को.... !

No comments:

Post a Comment