Monday 14 September 2015

हाय ये विलायती फ़ैशन ये अर्द्ध नग्न कपड़े , अभी तो हिन्दी में हर संस्कार बाकि हैं !

इस जिंदगी की शाम अभी बाकि हैं ,
मैं मेरी कलम और ये हिन्दी बाकि हैं !

अपनी इस भाष पर गर्व कर लेता हू ,
क्यों की हिन्दी भाषा में जान अभी बाकि हैं !

हाय ये विलायती फ़ैशन ये अर्द्ध नग्न कपड़े ,
अभी तो हिन्दी में हर संस्कार बाकि हैं !

कर लो इंगलिश में चाहे जितना गिटपिट ,
अभी तो हिन्दी की हर साज़ बाकि हैं !

ए बी सी डी से जेड तक रहे जाओगे ,
हिन्दी की अभी पूरी मिसाल बाकि हैं !

No comments:

Post a Comment