जाने वाले आजा फिर ,
सुना मुझे कोई गीत नया !
दिल फिर ये सम्भल जाये ,
सुना ऐसा कोई गीत नया !
ए दिल सुन जरा ,
फिर छेड़ कोई नया ताल जरा !
जिस ताल पर हो जाये आबाद ,
सुना ऐसा कोई गीत नया !
ए दर्द ठहर जरा ,
उनका फिर नया पैगाम आया !
जिनसे थे आबाद कभी ,
उसी पे लिख कोई गीत नया !
न कोई आँखों में अब नूर है
दिल ये आज बहोत कमजोर है
जिसने किया बर्बाद मुझे
उस पे लिख कोई गीत नया
न कोई अब मेरी मंजिल है
न कोई है मेरा हमनवा
बुझ ने वाला है चराग
सुना आखरी कोई गीत नया
जिसने मुझे बर्बाद किया
उसे सदा आबाद रख
है आखरी सलाम अब
सुना आखरी कोई गीत नया
No comments:
Post a Comment