Wednesday 16 March 2016

रात बीती फिर सुबह आइ , फिर तेरी यादों का सौग़ात लेकर आइ !

रात बीती फिर सुबह आइ ,
फिर तेरी यादों का सौग़ात लेकर आइ !
रोशनी ने ज्यों धरती पर क़दम रक्ख़ा ,
वैसे हीं तु मुझे और याद आइ !

तेरी याद आइ तो आँखों से बहे आँसू ,
उन हर आँसुओ में मुझे तेरी तस्वीर नज़र आइ !
तुम बिन जीना सोचूँ कैसे ,
मेरी धड़कन बनकर तु मेरे तन में हैं समाईं !

तेरी यादों का झोंका चला आता हैं ,
हमें तरसाने चला आता हैं !
मेरे हर तन मन में बसी हैं तु ,
न जाने क्यूँ तुम बिन मुझे अब चैन नहीं आता हैं !

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