चलो शिव पूजा को महा शिवरात्रि आया
मेरे भोले शंकर का महा शिवरात्रि आया
चेहरे पर चमक सर पे गंगा विराजे
कंठि मला और गले में साँप धारे
मस्तक तीसरी आँख लगती जैसे कोई चंदन का टीका
भोले सा सुंदर जग में कोई और कहा
चलो शिव पूजा को..........
इनके दर से कोई न ख़ाली जाता
जो भी आया झोली उसिका भर जाता
बिन माँगे सब कुछ मिल जाता
गुंग़न को मिलती सुंदर वाणी
चलो शिव पूजा को..........
हम भी भटक गए हैं भोले हमें भी राह दिखा दे
जीने की फिर हम लोगों में नई उम्मीद जगादे
बैठा है जो सभी के मन में मैला
हे भोले आज उस मैले को साफ़ करा दे
चलो शिव पूजा को..........
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