करके ख़ुद बेवफ़ाई ,
वो हमपर तोहमत लगा रहे हैं !
वो हंस कर धत्त बोलकर ,
मुझको जीते जी मार रहे हैं !
ख़ुद दिल से निकालकर ,
वो मुसाफ़िर मुझे बना रहे हैं !
कोई तो जा कर बोले उनको ,
हम साया हैं उनके हम कहा जुदा हैं !
आप को खुदा मानना गर गुनाह हैं ,
तो हा हम तेरे गुनाह गार हैं !
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