खूबसूरती दिल से होती हैं जिस्म से नही ,
सजावट मन की करो तन की नही !
ये तन तो एक दिन मिट जाएगा ,
राख बनकर मिट्टी में मिल जाएगा !
न तू न तेरा निशा रहे जाएगा ,
इन वादियों में तू कहि खो जाएगा !
इसलिए मैं कहेता हूँ भाई ,
तन से नाता तोड़ मन से नाता जोड़ !
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