Monday 6 April 2015

बादलों में जैसे जैसे काली घटा छाने लगी

बादलों में जैसे जैसे काली घटा छाने लगी ,
वैसे वैसे वो और करीब आने लगी !
करीब आकर वो हमे यूँ तरसाने लगी ,
जैसे बुँदे तन को और जलाने लगी !
वो बारिश में भीगकर यूँ इठलाने लगी ,
हम सब भूलकर उनमें समाने लगे !

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