Tuesday 7 April 2015

तुझे पाने की अब कोई और राह नही

तुझे पाने की अब कोई ,
और राह नही !
तू सिर्फ उन्हें ही मिलती हैं ,
जिसे तेरी परवाह नही !
इतना याद आकर ,
फिर मुझे बेचैन न कर !
एक यही सितम काफी हैं ,
जो तुम पास नही !

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