Monday 6 April 2015

इस जग में आकर आपसा पापा पाया ,

इस जग में आकर आपसा पापा पाया ,
जब सम्भल भी नही सकते थे हम ,
तब आपने ऊँगली पकड़कर चलना सिखाया ,
भूख लगी तो अपने हाँथो से खाना खिलाया ,
मेरे हर गलतियों पर आपने हँस कर मुझे समझाया ,
मेरे लिए आपने पापा बहोत कुछ सहा ,
मेरा बचपन सम्भालते सम्भालते ,
अपना जवानी खोया ,
आपका हाँथ पकड़कर सदा साथ चलेंगे ,
आपकी आँखों में सदा अपना जीवन पाएंगे ,
सहारे की लकड़ी कभी न हाँथो में आने देंगे ,
आपका सहारा बनकर सदा हम साथ चलेंगे !

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