Saturday 22 August 2015

सुबह की बेला हैं

सुबह की बेला हैं ,
बादल में रंग सुनेहरा हैं !
इस कड़ी धुप में भी साथ ,
एक जुल्फों का साया हैं !
जो कभी पराई थी ,
आज वही अपनी हैं !
हो नही पता जीवन में अँधेरा ,
उसीसे मेरा जहाँ उजियारा हैं !

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