Wednesday 26 August 2015

रात के आँचल में गम छुपा हैं

रात के आँचल में गम छुपा है ,
आँसू बहाने का समय मिला हैं !
दिन की रौशनी में मेरी हँसी पर न जा ,
मेरे हँसी में मेरे रोने का दर्द छुपा हैं !

No comments:

Post a Comment