Sunday 30 August 2015

जिस तन्हाई में तेरी याद नही , वो तन्हाई किस काम की !

जिस तन्हाई में तेरी याद नही ,

वो तन्हाई किस काम की !

जिस दर बिगड़े रिश्ते न बन पाए ,

वो दर किस काम की !

जो दौलत अपनों के काम न आए ,

वो दौलत किस काम की !

जिस उचाई से अपने ना दिखे ,

वो उचाई किस काम की !

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