जिस तन्हाई में तेरी याद नही ,
वो तन्हाई किस काम की !
जिस दर बिगड़े रिश्ते न बन पाए ,
वो दर किस काम की !
जो दौलत अपनों के काम न आए ,
वो दौलत किस काम की !
जिस उचाई से अपने ना दिखे ,
वो उचाई किस काम की !
No comments:
Post a Comment