Friday 21 August 2015

उस प्रभु से आँखे तू चार करले

मिला है ये जीवन तो कुछ पूण्य करले ,
पूण्य करके इस जीवन का उद्धार करले !
क्या रक्खा है यू मर मर के जीने में ,
उस प्रभु से आँखे तू चार करले !

ए नादाँ तू अपने गुनाह कबूल करले ,
कबूल करके तू जन्नत रसीद करले !
हो जाएगी सारी मनोकामना पूरी ,
इस भक्ति में अपना जीवन चार करले !

दुनिया की माया छोड़ प्रभु से नाता करले ,
ले प्रभु का नाम जीवन ये खुशहाल करले !
क्या लेकर आया था क्या लेकर जाएगा ,
सब मोह माया है प्रभु से बाते दिन रात करले !

मन की आँखे खोल के प्रभु का दर्शन करले ,
जपले प्रभु का नाम तू जीवन ये साकार करले !
कर मदत दुखियारों की जनम ये सफल करले ,
होगा बेड़ा पार तेरा प्रभु से आँखे चार करले !

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