Monday 17 August 2015

सफर

सफर चलता रहेगा ,
कारवां यूँही सदा ,
आता जाता रहेगा ,
कल कहि और थे ,
आज कहि और है ,
कल कहि और रहेंगे ,
शक्ल बदल जाएगी ,
अक्ल बदल जाएगी ,
रूप बदल जाएगा ,
जिस्म बदल गाएगा ,
मंजिल बदल जाएगी ,
कारवां बदल जाएगा ,
आपके सोच का ,
हर वो जर्रा बदल जाएगा ,
जब छाएगा मौत का नशा  ,
अपने सोच की ,
हर याद मिट जाएगी ,
ये जमी यही रहेगी ,
ये आसमान यही रहेगा ,
बस हम तुम न रहेंगे ,
यही पन्ने अतीत के ,
और नगमे हमारे तुम्हारे ,
सदियो इस दुनिया में ,
गूँजता रहेगा !

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