Wednesday 19 August 2015

ये रात ढल रही

ये रात ढल रही .
कुछ बात कहे रही ,
न जाओ यू दूर ,
ये मौसम कुछ कहे रही ,
बात कुछ ख़ास है ,
मिलने की आस है ,
न यू दूर जा ,
कुछ दिल की बात है ,
बस ये रात है ,
साथ ये चाँद है ,
और कोई नहीं ,
तेरा मेरा साथ है ,
बात जो दिल में है ,
आँखो से उसे बोल दो ,
बहकी ये रात है ,
तुभी साथ है ,
थोड़ा तो पास आ ,
मिलन की रात है !

No comments:

Post a Comment