Sunday 16 August 2015

जिंदगी ना मिलेगी दुबारा

ये जीवन हैं एक प्यारा भूल ,
अपने राहो के काँटों को भूल ,
चलते चलो कर्मो के पथ पर ,
अपने सारे दुश्मनी को भूल ,
             क्यों की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !

यहां राह हैं तेरी काँटों भरी ,
    नही इसमें कोई फूल ,
फिर भी सारे दुखो को भूल ,
हँस लो गा लो मौज मानलो ,
            क्यो की ?
जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !

जात पात के ये लफ़ड़े छोड़ो ,
सभी धर्मो से तुम नाता जोड़ो ,
दिल से दिलों को तुम जोड़ो ,
यू न किसी का तुम दिल तोड़ो ,
               क्यों की ?
   जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !

सारा जग ही ये मोह माया ,
कौन है अपना कौन है पराया ,
एक ही डाली का ये खेल सारा ,
सभी से रक्खो तुम भाई चारा ,
              क्यों की ?
  जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !

ये जीवन नही कोई पैसो का खेल ,
     आज यहा तो कल वहा ,
   जो रूखी सुखी मिल जाए ,
      बस उसीमे मौज मना ,
             क्यों की ?
    जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !
 
बस कहानियों में ही सुना हैं ,
जो मरते हैं वो फिर जन्म लेते हैं ,
  हकीकत में किसने है देखा ,
आज में जी लो कल का क्या ,
             क्यों की ?
  जिंदगी ना मिलेगी दुबारा !

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