Friday 21 August 2015

नियत ही बदल गई

चाहा ना उनको इस कदर कभी ,
चाहा जो आज तो नियत ही बदल गई !

यु निगाह भर के देखा न कभी ,
देखा जोे निगाह भर के नियत ही बदल गई !

मिलती न थी उनसे यूँ निग़ाह कभी ,
मिली जो निगाह तो नियत बदल गई !

मिलते न थे वो हमें यु कभी ,
मिले जो आज तो नियत बदल गई !

चलते न थे इस कदर वो कभी ,
आज उनकी चाल पर नियत ही बदल गई !

निखरा न था यूँ हुस्न कभी ,
निखरा जो आज हुस्न तो नियत ही बदल गई !

यूँ अंगडाई लेते न थे कभी ,
ली जो आज अंगड़ाई तो नियत ही बदल गई !

यु पल भर पास बैठे न वो कभी ,
बैठे जो पास तो नियत ही बदल गई !

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