Wednesday 26 August 2015

ममता की छाव में पल रही एक परियों की रानी

तारो को छाव में ,
पल रही एक ख़ुशी !
धरती की गोद में ,
पल रही हैं एक हसी !
नन्ही सी हैं परी सी हैं ,
वो हैं एक कहानी !
पाप की लाड़ली ,
खुशियों की प्याली !
परी कहूँ या जलपरी ,
या कहूँ सपनों की रानी !
ममता की छाव में ,
पल रही एक परियों की रानी !

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