Tuesday 18 August 2015

ये रात ढलने को हैं

ये रात ढलने को है ,
ये चाँद छुपने को है ,
तुम कब आओगी ,
ये मौसम बहकने को है ,
रात जालिम होने को है ,
ये दिल तड़पने को है ,
कब बरसोगी दिल पर ,
ये प्यार जवाँ होने को है ,
ये पल बीतने को है ,
ये दिल मचलने को है ,
जो बात कहेनी है तुमसे ,
वो बात गुजरने को है ,
ये रात कुछ कहेने को है ,
ये आलम कुछ करने को है ,
जल्द आजाओ सनम ,
ये रात महेकने को है ,
तेरी याद में रात ,
बीतजाने को है ,
वो हँसी पल अब ,
बिछड़ने को है ,
कुछ तो कर जतन सनम ,
मन आज बहकने को है ,
ये चाँदनी रात जाने को है ,
फिर मीठी सुबह आने को है ,
तू न क्यों आई सनम ,
ये अब रात ढलने को है ,
ये पल अब जाने को है ,
नए पल आने को है ,
तेरे बगैर ओ सनम ,
ये जान अब जाने को है !

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