Monday 17 August 2015

आया सूरज सुनेहरा यारों

बादलों से वो झाक रहा है ,
आसमान में वो चढ़ा आ रहा है ,
सिखलाने सच का पाठ सबको ,
रोज चला आ रहा है ,
सूरज सुनेहरा यारों !

उठो भागो दौड़ो यारों ,
मन को टटोलो यारों ,
आसमान को छूलो यारों ,
सब के दिलो को फिर जगाने ,
आया सूरज सुनेहरा यारों !

दिल में एक आस जगाओ ,
अपनों को साथ मिलाओ ,
बीत गया सो बीत गया ,
सब टूटे दिलों को गले लगाने ,
आया सूरज सुनेहरा यारों !

बुराइयो को तुम भुलाओ ,
अच्छाइयों को दिल से लगाओ ,
सब को सच का पाठ पढ़ाओ ,
खुद की एक मंजिल बनाओ ,
एक नई राह दिखाने ,
आया सूरज सुनेहरा यारोँ !

दुश्मनो को दोस्त बनालो ,
भटके को राह दिखा दो ,
प्यासे को पानी पिला दो ,
भूखे को रोटी खिला दो ,
यही सन्देशा सब को सुनाने ,
आया सूरज सुनेहरा यारों !

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