Thursday 27 August 2015

सफर कर राही के राह अभी बाकि हैं

सफर कर राही के राह अभी बाकि हैं ,
तेरे सफर का अंजाम अभी बाकि हैं !

चलता चल सफर में तेरा इम्तहान अभी बाकि हैं ,
तेरे हिस्से का दर्द वो आखरी चुभन अभी बाकि हैं !

वो सफर वो राह वो अंजाम अभी बाकि हैं ,
उतारना हैं जो वो दूध का कर्ज अभी बाकि हैं !

मत कर मंजिल का इंतजार के तेरा सफर अभी बाकि हैं ,
तेरे पाव के छालो का करना हिसाब अभी बाकि हैं !

अभी तो तेरे जिंदगी के ख्वाब अभी बाकि हैं ,
तेरे हिस्से का वो आखरी चराग अभी बाकि हैं !

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