Sunday 23 August 2015

आँसू

उनके आँसू दिख जाते हैं ,
दिखते नही हमारे आँसू !
भरी महफ़िल में वो रो देते हैं ,
हम सुखा देते हैं आँसू !
बस यही फर्क हैं हम दोनों में ,
इस दुनिया के मेले में !
वो गिर जाते हैं कहि भी ,
हम गिरते नही कहि भी !

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