Monday 31 August 2015

ज़मी पर रहेकर आसमान की चाहत ना कर

ज़मी पर रहेकर ,

आसमान की चाहत ना कर !

उड़ना हैं गगन तो ,

ज़मी को भूल जाया ना कर !

खुशियों के तलाश में ,

अपना वख्त जाया ना कर !

ठोकरों पर चलना सिख लो ,

खुशियों की तलाश ना कर !

No comments:

Post a Comment